डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक स्वयं सहायता समूह
Dr. Radhakrishnan Teachers Self Help Group (RKTSHG)Regd :0934/2023
सहयोग दें (कर भला ) सहयोग लें (हो भला)
आवश्यक निर्देश:
1.हर महीने की 1 से 10 तारीख तक वेबसाइट पर जाना अनिवार्य है।
2.प्रत्येक माह की 1 से 15 तारीख तक जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करना अनिवार्य है।
3. Telegram group से जुड़ना आवश्यक है । लिंक: Join RKTSHG Telegram Group
नोट: यह सुविधा केवल शिक्षकगण के लिए है,क्योंकि शिक्षकगण दुनिया का सबसे बेहतरीन काम करते हैं, लेकिन दुर्भाग्यवश खराब मेहनताना/ वेतन इन्हें ही मिलता है | यदि इनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इनके बाल-बच्चे, परिवार को देखने वाला कोई नहीं होता है | इस बुरी स्थिति को ध्यान में रखकर आर्थिक सहयोग हेतु यह समूह बनाया गया है, अत: दूसरे व्यवसाय से जुड़े लोग इस समूह से जुड़ने का प्रयास न करें |
( वे शिक्षकगण जिन्हें आर्थिक सहायता की जरुरत नहीं, वे भी सहयोग की भावना से इस पुण्य कार्य अपना यथासंभव सहयोग दें I यह समूह विशेष रूप से उनका आभारी रहेगा।)
- 1.
- (A)रजिस्ट्रेशन फीस ( पंजीकरण शुल्क ) केवल ₹150 l पंजीकरण की अवधि 1 साल के लिए होगी। प्रत्येक वर्ष पंजीकरण शुल्क जमा करना होगा I
(B) पंजीकरण शुल्क द्वितीय वर्ष से अगले 5 साल के लिए केवल ₹100 होगी।
(c ) पंजीकरण शुल्क हर 5 साल उपरांत ₹20-20 कम होता जाएगा |
2. आर्थिक सहयोग लेने के लिए दो विकल्प होंगे |
3. विकल्प (1) अध्यापक की मृत्यु होने पर सदस्यों द्वारा दी गई सहयोग राशि का 100% भाग अर्थात पूरी राशि नॉमिनी के खाते में सीधे-सीधे भुगतान कर दी जाएगी। उदाहरण के तौर पर इस समूह में यदि दो लाख सदस्य हैं और वे कम-से-कम दस रूपए भी देते हैं तो कम-से-कम (Rs.2000000) बीस
लाख रूपए नॉमिनी के खाते सीधे-सीधे में चली जाएगी |
विकल्प (2) दूसरे विकल्प का चुनाव करने का विकल्प 2 वर्ष पूरे होने पर मिलेगा | तीसरे वर्ष में कम से तीन लाख (₹3,00000) दी जाएगी। यह राशि हर वर्ष एक लाख-एक लाख रुपए बढ़ती जाएगी । उदाहरण के तौर पर दसवें साल में यदि अध्यापक की मृत्यु होती है तो उस अध्यापक के नॉमिनी को दस
लाख (₹10,0000) की धनराशि प्रदान की जाएगी।
नोट: दूसरे विकल्प का चुनाव करने पर अनुदान/सहयोग राशि समूह के खाते में ली जाएगी |
(विशेष: तीसरे वर्ष से किसी भी वर्ष पंजीकरण नवीनीकरण के समय विकल्प को बदल सकते हैं | )
4. किसी कार्यरत अध्यापक के मृत्यु होने पर सभी सदस्य अध्यापक अनिवार्य रूप से कम से कम ₹10 का सहयोग राशि द्वारा मदद करेंगे।सभी दुर्घटनाओं पर अनिवार्य रूप से सहयोग करना होगा। यदि कोई दुर्घटनानहीं होती है तो सहयोग राशि देने की जरूरत नहीं होगी |
5. इसमें रजिस्ट्रेशन करने वाले अध्यापक सरकारी या प्राइवेट शिक्षण संस्थान / विद्यालय / महविद्यालय / विश्वविद्यालय में कार्यरत हो, जिनकी उम्र 18 साल से 60 साल के बीच हो और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित ना हो ।
6. प्रथम पंजीकरण के प्रथम 120 दिन लॉक इन पीरियड होगा | इसका मतलब यह है कि इस अवधि के दौरान समूह के द्वारा कोई आर्थिक सहयोग नहीं किया जाएगा |
7. विचाराधीन-.यदि कोई दुर्घटना होती है तो उसमें आने वाले खर्च का 50%दिया जाएगा। ( संसाधनों को देखते भविष्य में लागू किया जा सकता है |)
Refund: यह RKTSHG समूह एक दूसरे की सहायता के लिए सेवा भाव से बनाया गया है,सभी अध्यापक अपनी इच्छा से जुड़ते हैं, अतः इस स्वयं सहायता समूह से जुड़ने वाले किसी भी सदस्य को किसी भी परिस्थिति में पंजीकरण शुल्क वापस नहीं होगा | यदि किसी सदस्य को किसी प्रकार की दिक्कत है तो अपने पंजीकरण का नवीकरण नहीं कराए |
Dr. Radhakrishnan Teachers Self Help Group (RKTSHG) की स्थापना 2 नवम्बर, 2023 को शिक्षकों का, शिक्षकों के लिए, शिक्षकों के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी भारत की पहली टीम है। डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के लिए शिक्षक स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तो से सहमति के उपरांत वेबसाइट https://rktshgindia.org के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं।
विशेष: रजिस्ट्रेशन के उपरांत Dr. Radhakrishnan Teachers Self Help Group द्वारा बनाए गए प्रादेशिक टेलीग्राम चैनल से जुड़ना अनिवार्य होगा | जिससे कि समूह से संबंधित किसी भी प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान सरलता के साथ किया जा सके | टेलीग्राम ग्रुप में भेजे गए किसी भी प्रकार की सूचना को यदि आप नहीं पढ़ते हैं तो इसकी जिम्मेदारी स्वयं सदस्य की होगी |
मुख्य नियम ( सदस्यों हेतु )
1) डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक स्वयं समूह उन सभी अध्यापकों के लिए है,जो सरकारी या प्राइवेट शिक्षण संस्थान / विद्यालय / महविद्यालय / विश्वविद्यालय में कार्यरत हो |
2) डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक स्वयं सहायता समूह से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना संबंधी फ़ार्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है, साथ ही RKTSHG का टेलीग्राम पर आधिकारिक ग्रुप बनाया गया है, जिस पर समय-समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की जाती रहती हैं। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने संबंधी पोल या विचार सुझाव आदि के दृष्टिगत ग्रुप के सदस्यों को भी विचार रखने और पोल में भाग लेने का अवसर दिया जाता है। यही कारण है कि RKTSHG का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओं से अपडेट रहने हेतु टेलीग्राम ग्रुप को सप्ताह में कम से कम 2 बार देखने और अपडेट रहने की भी बाध्यता रखी गयी है। कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और संबंधित सूचनाएं यदि नहीं प्राप्त कर पाता तो संबंधित शिक्षक/सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। इसके अलावा अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म तथा जनपदीय टीम के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओं का प्रसारण करने का प्रयास किया जाता है। TRKTSHG का प्रथम दिवस से नियम है - जो सदस्य सहयोग करेगा, केवल उस सदस्य के नॉमिनी को ही सहयोग मिलेगा।
3) TRKTSHG द्वारा हेल्पलाइन नंबर-7702796613 सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया गया है, जिसपर कॉल /व्हाट्सएप्प / टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से जानकारी का आदान-प्रदान किया जा सकता है। कोई भी सदस्य इस नम्बर पर कॉल या मैसेज करके सुबह 9:00 बजे से रात 8:00 बजे तक सूचना दे/ले सकता है।
4) प्रथम पंजीकरण के प्रथम 120 दिन लॉक इन पीरियड होगा | इसका मतलब यह है कि इस अवधि के दौरान समूह के द्वारा कोई आर्थिक सहयोग नहीं किया जाएगा | मानवता भाव से चाहे तो वह सहयोग कर सकता है, लेकिन उस सहयोग के बदले लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी द्वारा सहयोग का दावा नहीं किया जा सकेगा। यदि ऐसे सदस्य की मृत्यु सदस्य बनने के 120वे दिन हो जाती है या लॉक इन पीरियड के बाद उसे सहयोग करने मे अवसर मिले बिना ही उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे RKTSHG द्वारा सहयोग किया जा सकता है क्योंकि उसे सहयोग करने का अवसर नहीं मिला तो उसकी सहयोग करने की निष्ठा को गलत नहीं माना जा सकता, इसलिए उसका सहयोग किये जाने का प्रावधान किया जा सकता है।
5) दिवंगत अध्यापक के तथ्यों की सत्यता की जांच समूह के कोर टीम द्वारा की जाएगी | सभी तथ्यों को सही मिलने पर ही नॉमिनी के बैंक अकाउंट में सहयोग राशि भेजने की स्वीकृति दी जाएगी |
6) गम्भीर बीमारी की स्थिति में लॉक इन पीरियड 2 वर्ष का होगा। यदि किसी सदस्य द्वारा रजिस्ट्रेशन करने के बाद में किसी गम्भीर बीमारी के हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में दर्ज/अपडेट नही करता है तो तथ्यगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना सम्भव नही होगा । गम्भीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी। छुपाए जाने पर टीम की जांच रिपोर्ट को ही अंतिम माना जाएगा उस पर किसी तरह का कोई कानूनी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। बाकी नियम यथावत रहेंगे।
7) RKTSHG कोर टीम सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी, वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी। कोई भी सदस्य/नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा/अधिकार नही कर सकेगा,बल्कि संस्था नैतिकरूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
8) RKTSHG दिवंगत सदस्य के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दिवंगत सदस्य द्वारा पंजीकरण के समय दर्ज प्रतिशत के आधार पर नॉमिनीज को दिया जाएगा | इसके लिए सहयोग राशि समूह के बैंक अकाउंट में जमा कराई जाएगी| जिसपर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नही उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/ भ्रम फैलाने / दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है। ऐसे मामलों में टीम कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए स्वतंत्र होगी।
9) सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी शिक्षक द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/ हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी जाय तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशि उस शिक्षक/सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा। इस हेतु प्रदेश टीम गारंटी नही ले सकेगी किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी।
10) वर्तमान समय में सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी दिवंगत सदस्यों को सहयोग करना अनिवार्य है। सदस्य बनने के बाद लॉक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट https://rktshgindia.org में रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा। रसीद अपलोड न करने की स्थिति में लाभ न मिलने के लिए जिम्मेदार स्वयं होंगे|
11) यदि किसी शिक्षक द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा। ऐसे सदस्य निम्नलिखित नियमो के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे-
i. ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरांत लगातार सहयोग करते आ रहे हैं, अगर सभी सहयोग से पहले (यानी 90% वाली छूट से पूर्व) कोई सहयोग ब्रेक होता है, तो वैधानिकता समाप्त हो जाएगी किंतु एक बार वैधानिकता समाप्त होने पर लगातार 10 सहयोग करके सदस्यता पुनः बहाल की जा सकेगी। 10 सहयोग पूरा होने तक वह सदस्य सहयोग प्राप्त करने हेतु वैध नही होगा, 10 सहयोग पूरा करते ही वह वैधानिक सदस्य हो जाएगा। लेकिन यह एक सदस्य को केवल एक ही बार ऐसा अवसर दिया जायेगा।
ii. रजिस्ट्रेशन करने के बाद सहयोग न करने वाले सदस्य यदि स्वतः क्रियाशील होकर वैधानिक सदस्य बनकर सहयोग करने की स्थिति में एवं बीच मे 02 से अधिक सहयोग ब्रेक होने की स्थिति में, 20 सहयोग करने के बाद ही सदस्यता बहाल मानी जायेगी, जब तक 20 सहयोग नही किये जाते, बीच मे मृत्यु होने की स्थिति में वह सदस्य अवैधानिक होगा और सहयोग नही प्राप्त कर सकेगा। कोर टीम की विशेष संस्तुति पर लगातार 20सहयोग करने पर ही सदस्यता बहाल की जा सकेगी। ऐसे मामले में 03 माह का लॉक इन पीरियड भी लागू होगा। (यह जरूरी नही की 3 माह का लॉक इन पीरियड पूरा होने तक 20 सहयोग करने का अवसर आये, 03 माह के लॉक इन पीरियड पूरा करने के बाद 20 सहयोग पूरा करना अनिवार्य होगा।
iii. किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्थितियों स्वयं या पारिवारिक आदि की स्थिति में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नही होगा, इस हेतु क्रमिक सहयोग करके वैधानिकता बहाल करने की व्यवस्था 20 सहयोग के बाद सहयोग की स्थिति सम्बन्धी नियम लागू होगा।
12. यदि कोई शिक्षक/ सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नही किया रहता और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नही दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में दिवंगत शिक्षक के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण गया, उस स्थिति में सहयोग करना जरूरी होगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नही दिया जा सकेगा।
यह नियम सिर्फ शिक्षक के स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गम्भीर दुर्घटना/ बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति में ही मान्य होगा।
13. सुसाइड या किसी विवादित केस या अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक हो, में कोर टीम के पास पड़ताल करके वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद निर्णय लेने का अधिकार होगा। आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग या जिला इकाई या सदस्यों की राय भी ली जा सकेगी।
14. वस्तुतः एक से अधिक शिक्षक/ सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में ही सहयोग किया जाएगा। किंतु यदि किन्ही दो या अधिक शिक्षकों की मृत्यु एक ही तिथि में होती है तो ऐसी स्थिति में उस शिक्षक का सहयोग पहले किया जाएगा जिसके सहयोग करने का प्रतिशत/एवरेज अधिक होगा। उसके बाद अन्य का। उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे स्थलीय निरीक्षण न हो पाना, कुछ तकनीकी कमी आदि मामलों में कोर टीम सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार ले सकेगी।
15. नॉमिनी सम्बन्धी विवाद की स्थिति में प्रदेश / कोर टीम परीक्षणोपरांत निर्णय लेने और सहयोग करवाने हेतु स्वतंत्र होगी।
16. उपरोक्त नियमो से इतर हटकर न किसी का सहयोग किया जा सकेगा, न ही किसी का सहयोग रद्द किया जा सकेगा।
17. अनुशासन हीनता, RKTSHG विरोधी गतिविधि या किसी प्रकार की साजिश करने वालो के विरुद्ध RKTSHG कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा। कोई भी शिक्षक RKTSHG के साथ साथ अन्य समान प्रकार के संघ/टीम में सदस्य के रुप में रह सकता है, किंतु किसी अन्य सम विषयक टीम के पदाधिकारी के रूप में कोई शिक्षक RKTSHG का वैध सदस्य प्रथम दृष्टया नहीं होगा (इस प्रकरण पर कोर टीम निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगी) कोई भी व्यक्ति/ शिक्षक या अन्य RKTSHG के खिलाफ दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है, बिना सबूत या आंकड़े प्रस्तुत किये आरोप लगाता है तो टीम उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगी।
18. प्रादेशिक टेलीग्राम ग्रुप पर जानकारी हेतु समस्त सूचनाएं समय समय से प्रदान की जाती हैं। कोई सदस्य टेलीग्राम ग्रुप से सूचनाएं नहीं प्राप्त करता तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा।
i. सदस्य हेल्पलाइन के माध्यम से अपना सवाल जवाब प्राप्त कर सकेंगे।
ii. समय और आवश्यकता को देखते हुए RKTSHGके किसी भी नियमो में कभी भी संशोधन/परिवर्तन किया जा सकेगा।
iii. RKTSHG सहयोग सीधे दिवंगत परिवारों के नॉमिनी के खाते में करवाती है इसलिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी व्यक्ति या सदस्य के पास नहीं होगा।
iv. RKTSHG किसी भी शिक्षक को जबरन या दबाव देकर सदस्य नहीं बनाती है, सदस्यों को नियम स्वीकार करके ही सदस्य बनने का विकल्प प्रदान किया जाता है, स्वेच्छा से कोई भी सदस्य कभी भी खुद को अलग कर सकता है।
v. RKTSHG से जुड़ने हेतु कोई भी शिक्षक नियम एवं शर्तो से सहमत होकर रजिस्ट्रेशन करके सदस्य बन सकता है और सहयोग कर सकता है। सहयोग पाने हेतु उपरोक्त नियमो के तहत ही दावेदारी होगी।
19. RKTSHG का सदस्य बनने के साथ ही RKTSHG के प्रादेशिक टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ना अनिवार्य होगा क्योंकि सभी आधिकारिक सूचनाएं टेलीग्राम ग्रुप पर ही दी जाएगी।. सुविधाओं के दृष्टिगत सोशल मिडिया या अन्य माध्यमों से भी सूचनाएं देने का प्रयास किया जायेगा लेकिन यह किया जाना बाध्यकारी नहीं होगा।
20. सहयोग के दौरान कूटरचित/फर्जी रसीद या नियमों के विपरीत कार्य करने वाले सदस्यों के बारे में कोर टीम निर्णय लेने की अधिकारी होगी। ऐसे सदस्यों की वैधानिकता भी समाप्त की जा सकेगी और लाभ से भी वंचित किया जा सकेगा।
21. RKTSHG के सभी सदस्यों के पंजीकरण के द्वारा जमा राशि से निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी-
1) वेबसाइट के निर्माण और संचालन में
2) ऐप बनवाने और संचालन में
3) sms सुविधा उपलब्ध कराने में ( TRAI से अनुमति मिलते ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी )।
4) ऑफिस और टेक्निकल सपोर्ट टीम रखने में जो आपको तकनीकी मदद देगा।
5) स्थलीय निरीक्षण/जांच करने में।
6) RKTSHG से ज्यादा से ज्यादा शिक्षकों को जोड़ने के अभियान में।
7) समय समय पर नई तकनीकी का इस्तेमाल में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ-साथ आसान बन सके।
(भविष्य में जरूरतों को देखते हुए नियमो में परिवर्तन का अधिकार डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक स्वयं सहायता समूह के पास होगा, विवादास्पद स्थिति में कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित होगा।)
Note : किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी। सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक शिक्षक/ शिक्षिका के नॉमिनी को दिया जाता है अतः आपके द्वारा दिए गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नही होगा, यह पूरी तरह सदस्यों की मर्जी पर निर्भर रहेगा, टीम द्वारा अपील करने पर सहयोग कम ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में टीम जिम्मेदार नहीं होगी। क्योंकि टीम सिर्फ सहयोग की अपील करती है, अतः किसी तरह की देनदारी के लिए कानूनी अधिकार मान्य नहीं होगा। कोई तथ्य छुपा कर या बिना पात्रता पूरी किए जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है तो उसका दावा मान्य नहीं होगा।
🙏 कर भला हो भला 🙏
RKTSHG